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वकालत लाइसेंस पर संकट, फर्जीवाड़े की जांच तेज

  • लेखक की तस्वीर: Uttarakhandnews Network
    Uttarakhandnews Network
  • 4 मई
  • 2 मिनट पठन

देहरादून। श्री दरबार साहिब और महंत देवेन्द्र दास महाराज के खिलाफ सोशल मीडिया पर झूठ और आपत्तिजनक पोस्ट फैलाने वाले ब्लैकमेलर अमित तोमर पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कर ली है। अपराध संख्या 174/25 के अंतर्गत धारा 299, 351(1), 352, 353(2) में मुकदमा कायम हुआ है। सूत्रों के अनुसार उसकी गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है और जेल जाना तय माना जा रहा है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने साफ कहा है कि “दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।” पुलिस के इस कदम से समाज में फैलाई जा रही झूठी अफवाहों और ब्लैकमेलिंग की साजिशों पर करारा प्रहार हुआ है।

अमित तोमर ने पहले मातावाला बाग को लेकर भ्रामक जानकारियां फैलाईं, फिर श्री दरबार साहिब और महंत देवेन्द्र दास महाराज पर अभद्र टिप्पणी कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। वन विभाग ने उसकी झूठी बातों को सिरे से खारिज किया। इसके बाद उसने महंत इन्दिरेश अस्पताल को भी निशाना बनाया, लेकिन हर बार उसके झूठ का पर्दाफाश हुआ।

सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने, ब्लैकमेलिंग, और जालसाजी के आरोपों में घिरा अमित तोमर पहले भी कई लोगों को अपने झूठ और धमकियों से परेशान कर चुका है। हिन्दू रक्षा दल के प्रदेश सचिव संजीव कुकरेजा ने तो यहां तक बताया कि अमित तोमर ने उनसे साढ़े चार लाख रुपये ब्लैकमेलिंग में ऐंठ लिए।

श्री दरबार साहिब प्रबंधन को भी कई पीड़ितों ने अमित तोमर की ब्लैकमेलिंग के किस्से बताए हैं। अब जब उसकी पोल पूरी तरह खुल चुकी है, तो समाज में एक सवाल उठ रहा है – ऐसे अपराधियों को कब तक बर्दाश्त किया जाएगा?

सूत्रों के मुताबिक बार काउंसिल जल्द ही अमित तोमर का वकालत लाइसेंस निरस्त कर सकता है, वहीं कुछ रिपोर्ट्स में यह तक कहा गया है कि उसका लाइसेंस फर्जी हो सकता है।

 
 
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