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भारत:राष्ट्र निर्माण में अग्रणी: एलएंडटी ने बढ़ाया भारत का मान

  • लेखक की तस्वीर: Uttarakhandnews Network
    Uttarakhandnews Network
  • 7 जून
  • 2 मिनट पठन

ऋषिकेश। देश की सबसे चुनौतीपूर्ण और रणनीतिक रूप से अहम रेल परियोजनाओं में से एक ऋषिकेश–कर्णप्रयाग ब्रॉड गेज रेल लाइन के पैकेज-2 में एलएंडटी ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। 6 जून 2025 को अंतिम सुरंग ब्रेकथ्रू को सफलतापूर्वक पूरा कर इस महत्त्वपूर्ण चरण को पार कर लिया गया।

26.6 किलोमीटर लंबी सुरंग का यह सेक्शन, जिसे लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) ने रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) के नेतृत्व में निष्पादित किया, उत्तराखंड की जटिल और संवेदनशील हिमालयी क्षेत्र की पर्वतीय चुनौतियों को पार करते हुए पूरा हुआ। पैकेज-2 में शिवपुरी, गुल्लर और व्यासी के बीच फैली दो प्रमुख सुरंगें शामिल हैं, जिनका निर्माण तकनीकी दृष्टि से अत्यंत जटिल था — भूगर्भीय अस्थिरता, भूकंपीय जोखिम, और भूमिगत जल रिसाव जैसी बाधाओं के बावजूद।

ब्रेकथ्रू: सिर्फ एक इंजीनियरिंग कार्य नहीं, बल्कि साहस और संकल्प की कहानी

यह सफलता केवल एक सुरंग की खुदाई नहीं है, बल्कि महीनों के अथक परिश्रम, सटीक भूगर्भीय मानचित्रण, और उच्च तकनीकी विशेषज्ञता का प्रतीक है। परियोजना में न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (NATM) जैसी उन्नत निर्माण तकनीकों, रीयल-टाइम मॉनिटरिंग, और अत्याधुनिक सुरक्षा प्रोटोकॉल का प्रयोग किया गया — जिससे न केवल संरचनात्मक गुणवत्ता सुनिश्चित हुई, बल्कि सैकड़ों कर्मियों की सुरक्षा भी।

रणनीतिक और सामाजिक महत्व

यह रेल कॉरिडोर भविष्य में उत्तराखंड की आर्थ‍िक, सामरिक और पर्यटन विकास की रीढ़ बनेगा। इसका निर्माण न केवल क्षेत्रीय संपर्क को बेहतर करेगा, बल्कि यात्रा समय में भी उल्लेखनीय कमी लाएगा, जिससे लाखों लोगों को सीधा लाभ होगा। यह कॉरिडोर विशेषकर सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की त्वरित तैनाती और आपदा प्रबंधन की दृष्टि से भी अत्यंत अहम है।

नेतृत्व की सराहना और भविष्य की ओर कदम

इस उपलब्धि के मौके पर एलएंडटी, RVNL और Yuksel-ICT के वरिष्ठ अधिकारियों ने परियोजना से जुड़ी समर्पित टीमों के जुनून, दृढ़ता और तकनीकी दक्षता की भूरी-भूरी प्रशंसा की।

RVNL के वरिष्ठ प्रबंधन ने कहा:-भारत के सबसे भूगर्भीय रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में से एक में यह सफलता, हमारे अभियंताओं, योजनाकारों और स्थलकर्मियों की सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रमाण है।”

 
 
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