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गैर-चिकित्सा शैक्षणिक इकाइयों को मिले नए नाम

  • लेखक की तस्वीर: Uttarakhandnews Network
    Uttarakhandnews Network
  • 9 मई
  • 2 मिनट पठन

डोईवाला। स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (SRHU), जौलीग्रांट ने शुक्रवार को एक विशेष समारोह में अपनी नई ब्रांड फिलॉसफी ‘लाइफ का कम्पस’ और अद्यतन लोगो का अनावरण किया। यह नई पहचान विश्वविद्यालय के विकास, मूल्यों और भविष्य की दिशा का प्रतीक है।

‘लाइफ का कम्पस’ केवल एक नारा नहीं, बल्कि एसआरएचयू की जीवन-दृष्टि है—एक मार्गदर्शक सिद्धांत जो छात्रों को प्रगति, पूर्णता और सफलता की ओर प्रेरित करता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना ने की। उन्होंने कहा, “यह महज रीब्रांडिंग नहीं है, बल्कि हमारे मूलभूत सिद्धांतों—चरित्र, ज्ञान और मानवीय मूल्यों—के साथ जीवन को आकार देने की प्रतिबद्धता है। 'लाइफ का कम्पस' हर उस व्यक्ति के लिए है जो एसआरएचयू का हिस्सा है। यह हमारी विरासत से मिली दूरदर्शिता और भविष्य के प्रति सजगता का प्रतीक है।”

इस नई फिलॉसफी को चार परिवर्तनकारी स्तंभों पर आधारित बताया गया:

उद्यमिता: विश्वविद्यालय का नवाचार एवं उद्यमिता केंद्र छात्रों के विचारों को वास्तविक उद्यमों में बदलने के लिए मंच प्रदान करेगा।

इंटर्नशिप: छात्रों को उद्योग से जोड़ते हुए उन्हें व्यावसायिक अनुभव से सशक्त किया जाएगा, जिससे वे करियर के लिए बेहतर रूप से तैयार हों।

मेंटरशिप: अनुभवी मार्गदर्शकों द्वारा व्यक्तिगत व शैक्षणिक सहायता दी जाएगी, ताकि छात्र अपने लक्ष्यों तक प्रभावी रूप से पहुंच सकें।

नेतृत्व: नैतिक मूल्यों, संचार कौशल और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देकर छात्रों को स्थानीय और वैश्विक स्तर पर नेतृत्व के लिए तैयार किया जाएगा।

डॉ. धस्माना ने आगे कहा कि विश्वविद्यालय का नया दृष्टिकोण समग्र विकास, नवाचार और प्रगतिशीलता को केंद्र में रखता है, जिससे युवा आत्मविश्वास और उद्देश्य के साथ जीवन की राह पर अग्रसर हो सकें।

इसी सोच के तहत विश्वविद्यालय ने अपनी गैर-चिकित्सा शैक्षणिक इकाइयों का पुनर्नामकरण भी किया है। अब ये इकाइयाँ निम्न नामों से जानी जाएंगी:

स्कूल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी

स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज

स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज

स्कूल ऑफ योगा साइंसेज

स्कूल ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज

 
 
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