top of page

कुलपति तैनाती विवाद ने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में बढ़ाया बवाल

  • लेखक की तस्वीर: Uttarakhandnews Network
    Uttarakhandnews Network
  • 22 जुल॰
  • 1 मिनट पठन

हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी (सम विश्वविद्यालय) में 7 जुलाई को हुई प्रशासनिक कार्रवाई को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और शिक्षाविदों ने जिलाधिकारी हरिद्वार, मयूर दीक्षित से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है।


आरोप है कि जिलाधिकारी के निर्देश या अनुमोदन पर उपजिलाधिकारी जितेंद्र कुमार, भारी पुलिस बल के साथ विश्वविद्यालय परिसर में पहुंचे और कुलपति कार्यालय का ताला खुलवाकर प्रभात सेंगर को कुलपति का कार्यभार ग्रहण करवाया। इस दौरान विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने विरोध किया, लेकिन पुलिस बल की मौजूदगी में विरोध को दबा दिया गया।


शिक्षाविदों और विश्वविद्यालय समुदाय की ओर से उठाए गए प्रमुख सवाल इस प्रकार हैं:--


क्या जिलाधिकारी के पास विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस बल के साथ प्रवेश करने और ताला खुलवाने का लिखित आदेश या न्यायिक अनुमति थी?


क्या यह तथ्य प्रशासन की जानकारी में नहीं था कि विश्वविद्यालय परिसर को सामान्यतः "पुलिस-मुक्त क्षेत्र" माना जाता है?


इस कार्रवाई को किस कानून, अधिनियम या शासनादेश के तहत अंजाम दिया गया?


जब भारत सरकार द्वारा डॉ. हेमलता को कुलपति का प्रभार दिया गया था, तो फिर प्रभात सेंगर को पदभार ग्रहण कराने की आवश्यकता क्यों पड़ी?


क्या यह कार्रवाई राजनीतिक या प्रशासनिक दबाव में की गई?



घटना को लेकर विश्वविद्यालय के कर्मचारियों और स्थानीय बुद्धिजीवियों में रोष है। उनका कहना है कि यह कदम विश्वविद्यालय की स्वायत्तता, शैक्षणिक गरिमा और संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ है।


इस संबंध में जिलाधिकारी से 3 दिन के भीतर लिखित जवाब मांगा गया है। संबंधित पक्षों का कहना है कि यदि संतोषजनक उत्तर नहीं मिला तो मामला उच्च न्यायालय और केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा।

 
 
bottom of page