top of page

सरकार और षड्यंत्रकारियों को चेतावनी – गुरुकुल की पहचान पर कोई समझौता नहीं!

  • लेखक की तस्वीर: Uttarakhandnews Network
    Uttarakhandnews Network
  • 25 जुल॰
  • 2 मिनट पठन

हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय की सांकेतिक हड़ताल अब गरमाने लगी है। शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) और जाट महासभा पंचपुरी खुलकर आंदोलनरत कर्मचारियों के समर्थन में उतर आए। दोनों संगठनों की मौजूदगी से धरना स्थल पर जोश और ऊर्जा का माहौल बन गया।

धरने को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के मंडल अध्यक्ष संजय चौधरी ने चेतावनी भरे लहजे में कहा –“गुरुकुल स्वामी दयानंद और स्वामी श्रद्धानंद की तपोभूमि है। जो भी इस संस्थान पर गलत नजर डालेगा, उसे इतिहास का श्राप भुगतना पड़ेगा। असंवैधानिक तरीके से नियुक्त अधिकारी गुरुकुल के शैक्षिक और सामाजिक वातावरण को दूषित नहीं कर पाएंगे। पंचों की राय के बाद ही संगठन ने आंदोलन में उतरने का फैसला किया है, और अब षड्यंत्रकारी किसी भी कीमत पर सफल नहीं होंगे।”

चौधरी ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि सार्वजनिक संस्थानों को निजी हाथों में सौंपने की साजिशें रची जा रही हैं। “शिक्षा के मंदिरों को बाजार की मंडियों में बदलने नहीं देंगे,” उन्होंने दो टूक कहा।

जाट महासभा पंचपुरी के अध्यक्ष डी.के. चौधरी ने भी गुरुकुल को निजीकरण से बचाने का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा,“गुरुकुल से हमारा आत्मीय रिश्ता पुराना है। यह संस्थान ग्रामीण अंचल के बच्चों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देता है, जो कुछ लोगों को खटक रही है। हम कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं और इन स्वार्थी तत्वों को सफल नहीं होने देंगे।”

शिक्षकेत्तर कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष रजनीश भारद्वाज और महामंत्री नरेन्द्र मलिक ने किसान यूनियन और जाट महासभा के सभी पदाधिकारियों का धन्यवाद जताते हुए कहा कि “इनका समर्थन आंदोलन में नई ऊर्जा भर रहा है और गुरुकुल की अस्मिता की रक्षा के लिए लड़ाई और मजबूत हुई है।”

धरना स्थल पर सतीश मलिक, नरेश बालियान, सिकंदर, के.पी. सिंह, गुलवीर, उपेन्द्र ढिल्लों, चौधरी धर्मेन्द्र (प्रवक्ता, किसान यूनियन गढ़वाल मंडल), पुष्पेन्द्र सहित कई यूनियनों और संगठनों के पदाधिकारी व सदस्य मौजूद रहे।

 
 
bottom of page