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उत्तराखंड के 27 कृषि उत्पादों को GI टैग, 6 नाबार्ड की पहल से हासिल

  • लेखक की तस्वीर: Uttarakhandnews Network
    Uttarakhandnews Network
  • 9 अक्टू॰
  • 2 मिनट पठन

हरिद्वार/देहरादून। प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने आज आईटी पार्क सहस्त्रधारा स्थित नाबार्ड कार्यालय में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा आयोजित दो दिवसीय ‘सेब महोत्सव 2.0’ का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न जनपदों, विशेषकर हरिद्वार, टिहरी, नैनीताल व उत्तरकाशी से पहुंचे किसानों के स्टॉलों का अवलोकन किया और उनसे संवाद भी किया।


कृषि मंत्री ने कहा कि “सेब महोत्सव उत्तराखंड के किसानों की मेहनत, नवाचार और कृषि उद्यमिता का उत्सव है। यह पर्वतीय राज्य की कृषि क्षमता और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।” उन्होंने नाबार्ड के अधिकारियों को सुझाव दिया कि आगामी आयोजनों में कृषि एवं उद्यान से जुड़े विविध उत्पादों को भी शामिल किया जाए।


उन्होंने बताया कि हरिद्वार जिले में नाबार्ड द्वारा 500 किसानों के जैविक खेतों के डिजिटलीकरण की परियोजना संचालित की जा रही है, जिससे किसानों को न केवल पारदर्शी विपणन में मदद मिल रही है, बल्कि उनके उत्पादों की गुणवत्ता भी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रही है।


मंत्री जोशी ने कहा कि नाबार्ड ने उत्तराखंड जैसे राज्य में कृषि एवं ग्रामीण विकास को नई दिशा दी है। राज्य सरकार कृषि के विविधीकरण पर बल दे रही है — बागवानी, सुगंधित एवं औषधीय पौधों, डेयरी, रेशम उत्पादन, मधुमक्खी पालन और मशरूम उत्पादन जैसे क्षेत्रों को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है।


उन्होंने जानकारी दी कि नाबार्ड द्वारा राज्य में 138 एफपीओ को 20 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है, जबकि 34 वॉटरशेड परियोजनाओं के माध्यम से 11,164 हेक्टेयर भूमि का उपचार किया गया है। इसके अलावा 4,163 एकड़ भूमि पर सेब, कीवी, अखरोट, आम और अमरूद जैसे फलों के बाग विकसित किए गए हैं।


नाबार्ड ने कृषि क्षेत्र में 20 नवाचार पायलट परियोजनाएं शुरू की हैं, जिनमें एक्वापोनिक्स, प्राकृतिक खेती, औषधीय पौधों पर आधारित मॉडल और शून्य ऊर्जा कूल चैंबर जैसे अभिनव प्रयोग शामिल हैं।


मंत्री जोशी ने कहा कि उत्तराखंड के 27 कृषि उत्पादों को GI टैग प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 6 नाबार्ड के प्रयासों से मिले हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि राज्य सरकार किसान-केंद्रित नीतियों को और सशक्त बनाएगी और नाबार्ड के सहयोग से हरिद्वार सहित समूचे राज्य के किसानों व ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाएगी।

 
 
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