मुख्यमंत्री धामी ने बढ़ाया उत्साह – उत्तराखंड बना देश का नंबर वन राज्य सतत विकास लक्ष्यों में
- Uttarakhandnews Network
- 3 दिन पहले
- 2 मिनट पठन
देहरादून, बुधवार। राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को दून विश्वविद्यालय में आयोजित “प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन” का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रदेश में विभिन्न आपदाओं में जान गंवाने वाले लोगों की स्मृति में एक मिनट के मौन से हुई।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रवासी उत्तराखंडी देवभूमि के सच्चे ब्रांड एम्बेसडर हैं, जो देश-विदेश में रहकर भी अपनी संस्कृति, परंपरा और मातृभूमि की गौरवशाली विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासी जहां भी रहते हैं, वहां देवभूमि की मिट्टी की सुगंध और लोक संस्कृति की पहचान लेकर चलते हैं। इसी उद्देश्य से राज्य सरकार ने प्रवासी उत्तराखंड परिषद का गठन किया है, ताकि उनके सुझावों और अनुभवों को राज्य के विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके।
मुख्यमंत्री ने बताया कि कई प्रवासी अपने पैतृक गांवों को गोद लेकर विकास में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड “विकसित भारत, विकसित उत्तराखंड” के लक्ष्य की ओर निरंतर अग्रसर है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, खेल, पेयजल और हवाई कनेक्टिविटी के क्षेत्रों में राज्य ने उल्लेखनीय प्रगति की है।
उन्होंने कहा कि “एक जनपद दो उत्पाद”, “हाउस ऑफ हिमालयाज”, “स्टेट मिलेट मिशन”, “नई पर्यटन नीति”, “वेड इन उत्तराखंड” और “सौर स्वरोजगार योजना” जैसी योजनाओं ने स्थानीय अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा भरी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखंड ने नीति आयोग की सतत विकास लक्ष्य रैंकिंग में देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। वहीं “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” में “अचीवर्स” और “स्टार्टअप रैंकिंग” में “लीडर्स” श्रेणी हासिल की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने देश का सबसे सख्त नकल-विरोधी कानून लागू किया है, जिसके परिणामस्वरूप पिछले चार वर्षों में 26 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी सेवा प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध “जीरो टॉलरेंस” की नीति के तहत चार वर्षों में 200 से अधिक भ्रष्टाचारियों को जेल भेजा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्ण जयंती वर्ष तक उत्तराखंड को ऐसा राज्य बनाने का लक्ष्य है जहां हर युवा को सम्मानजनक रोजगार मिले, पलायन रुके और प्रवासी उत्तराखंडियों की गौरवपूर्ण वापसी हो। उन्होंने प्रवासियों से आह्वान किया कि वे भी राज्य के विकास अभियान में भागीदार बनें।
कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि देवभूमि की पहचान ईमानदारी और परिश्रम से है। उत्तराखंड के लोग अपनी प्रतिभा और कर्मठता से देश-विदेश में विशिष्ट पहचान बना रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रवासी सदैव अपनी जड़ों से जुड़े रहेंगे।
विधायक विनोद चमोली ने कहा कि उत्तराखंड की अनेक हस्तियों ने अपने कार्यों से देशभर में राज्य का नाम रोशन किया है। उन्होंने प्रवासियों से अपील की कि वे जिस भी क्षेत्र में दक्ष हैं, उसमें राज्य के विकास में योगदान दें।
दिल्ली विधानसभा के उपाध्यक्ष और प्रवासी उत्तराखंडी मोहन सिंह बिष्ट ने मुख्यमंत्री धामी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड हमारी आत्मा और संस्कृति की धरोहर है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य निरंतर प्रगति की दिशा में आगे बढ़ रहा है।







