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सफलता:इंदिरेश अस्पताल ने रचा इतिहास, अब तक 30 सफल किडनी प्रत्यारोपण

  • लेखक की तस्वीर: Uttarakhandnews Network
    Uttarakhandnews Network
  • 13 अग॰
  • 2 मिनट पठन

देहरादून। विश्व अंगदान दिवस के अवसर पर श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ने समाज के सच्चे नायकों गुर्दा दानदाताओं को सम्मानित किया। बुधवार को आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में किडनी दानदाताओं को सम्मान-पत्र और पुरस्कार देकर उनके अमूल्य योगदान को नमन किया गया।


श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज के प्राचार्य डॉ. अशोक नायक, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनिल मलिक और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय पंडिता ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। नेफ्रोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. आलोक कुमार ने कहा “अंगदान, किसी व्यक्ति द्वारा किसी अजनबी को दिया गया जीवन का सबसे बड़ा तोहफा है। एक मृत व्यक्ति अपने अंगों से आठ लोगों को नया जीवन दे सकता है।”


उन्होंने एक प्रेरक उदाहरण साझा किया। पिछले वर्ष 19 वर्षीय बच्चे, जिनकी असमय मृत्यु हो गई, उनके परिवार ने साहसिक निर्णय लेते हुए उनकी दोनों किडनी, लिवर और आंखें दान कीं। इस निर्णय ने न केवल चार गंभीर मरीजों को नया जीवन दिया बल्कि दो लोगों को

दृष्टि भी लौटाई।


“ऐसी मिसालें समाज को यह सिखाती हैं कि मृत्यु के बाद भी हम दूसरों के लिए जीवन बन सकते हैं,” डॉ. आलोक ने कहा कि श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में अब तक 30 सफल किडनी प्रत्यारोपण हो चुके हैं। इस यूनिट में अत्याधुनिक सुविधाएं और अनुभवी टीम मौजूद है, जिसमें डॉ. आलोक कुमार, डॉ. विवेक रुहेला, डॉ. गौरव शर्मा, डॉ. कमल शर्मा, डॉ. विवेक विज्जन और डॉ. विमल कुमार दीक्षित शामिल हैं।


डाॅ आलोक कुमार ने अंगदान की प्रक्रिया, जागरूकता और परिवार की भूमिका पर विस्तार से बताया। उपस्थित सभी ने इस संकल्प को दोहराया कि अंगदान को जन-जन तक पहुंचाना ही सबसे बड़ी सेवा है। इस अवसर पर डाॅ डोरछम ख्रेमे, किडनी ट्रांसप्लांट कोओर्डिनेटर सुषमा कोठियाल भी उपस्थित रहे।

 
 
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