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संवेदनशील प्रशासन की मिसाल — सरकार का प्रथम रिस्पांडर बनकर चमका जिला प्रशासन

  • लेखक की तस्वीर: Uttarakhandnews Network
    Uttarakhandnews Network
  • 7 अक्टू॰
  • 1 मिनट पठन

देहरादून/ जिला प्रशासन ने बरसात थमते ही मात्र सात दिनों के भीतर आपदाग्रस्त क्षेत्र बटोली गांव को सड़क मार्ग से पुनः जोड़कर एक मिसाल पेश की है। अब बटोली तक वाहनों की आवाजाही सुचारू रूप से शुरू हो चुकी है।


सहसपुर ब्लॉक की मिसराज पट्टी स्थित यह सुदूरवर्ती गांव अतिवृष्टि से बुरी तरह प्रभावित हुआ था। सड़कों के टूट जाने से गांव का संपर्क कट गया था। जिलाधिकारी सविन बंसल ने आपदा के तुरंत बाद स्वयं प्रभावित क्षेत्र का 11 जुलाई को निरीक्षण कर राहत एवं पुनर्वास कार्यों की मॉनिटरिंग की थी।


उनके निर्देश पर प्रशासन ने रातोंरात वैकल्पिक मार्ग तैयार किया और आगामी तीन महीनों तक मार्ग को सुचारू रखने के लिए 24×7 मैनपावर व मशीनरी की तैनाती की गई।


डीएम के हस्तक्षेप से क्षेत्र की वर्षों पुरानी विद्युत और पेयजल समस्या का भी स्थायी समाधान हुआ।


3.79 लाख रुपए की धनराशि से बड़ी पाइपलाइन बिछाई गई।


2.19 लाख रुपए से विद्युत लाइन सुधार कार्य किए गए।


प्रत्येक प्रभावित परिवार को तीन माह के लिए अग्रिम आर्थिक सहायता (₹4,000 प्रतिमाह) भी प्रदान की गई।



वहीं, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में शिविर लगाकर गर्भवती माताओं, शिशुओं और ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण व उपचार भी किया।


जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि “आपदा के समय जनता तक त्वरित राहत पहुंचाना ही प्रशासन का पहला कर्तव्य है। मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर प्रत्येक प्रभावित गांव में समयबद्ध और स्थायी समाधान सुनिश्चित किया जा रहा है।”

 
 
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