top of page

एक मंच पर आएंगे सभी पेंशनर्स संगठन, सरकार को दी अल्टीमेटम

  • लेखक की तस्वीर: Uttarakhandnews Network
    Uttarakhandnews Network
  • 21 सित॰
  • 2 मिनट पठन

हरिद्वार।

गवर्नमेंट पेंशनर्स वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन ने अपनी लंबित मांगों को लेकर आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है। रविवार को जिला पंचायत सभागार में हुई बैठक में पेंशनरों ने कैशलेश चिकित्सा सुविधा, चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति में आ रही खामियों और देरी पर गहरी नाराज़गी जताई। संगठन ने तय किया कि प्रदेश भर में जनजागरण अभियान चलाकर जल्द ही बड़ा आंदोलन किया जाएगा।


बैठक में वक्ताओं ने सरकार पर पेंशनर्स की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि राशिकरण कटौती को 10 वर्ष 8 माह के बाद बंद किया जाए। साथ ही 30 जून और 31 दिसम्बर को सेवानिवृत्त पेंशनरों को उनकी सेवानिवृत्ति तिथि से ही काल्पनिक वेतन वृद्धि दी जाए। इसके अलावा 65, 70 और 75 वर्ष की आयु पूरी करने पर पांच-पांच प्रतिशत पेंशन वृद्धि की मांग भी की गई।


संगठन के जिलाध्यक्ष बी.पी. चौहान की अध्यक्षता और महामंत्री जे.पी. चाहर के संचालन में हुई बैठक में केंद्र सरकार पर भी तीखे सवाल उठे। वक्ताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा जनवरी में आठवें वेतन आयोग की घोषणा किए जाने के बावजूद नौ महीने बीतने पर भी आयोग का गठन नहीं किया गया है। इसके विपरीत मार्च में पेंशनर विरोधी अध्यादेश लागू कर दिया गया। पेंशनर्स का कहना है कि सरकारें उन्हें आंदोलन के लिए मजबूर कर रही हैं।


महामंत्री जे.पी. चाहर और आर.के. जोशी ने पेंशन खातों को राष्ट्रीय बैंकों के साथ समझौते के अनुसार अपडेट करने की जानकारी दी। वरिष्ठ उपाध्यक्ष एल.सी. पाण्डेय, उपाध्यक्ष सुखवंश सिंह और मंत्री रामसरीख ने ऑनलाइन जीवन प्रमाण पत्र की प्रक्रिया समझाई।


आर.के. अस्थाना, डॉ. सत्यवीर सिंह, नौरतू सिंह और के.डी. धीमान ने चिकित्सा बिलों के भुगतान में देरी और अव्यवस्था पर चिंता जताई तथा जिलाधिकारी से सख्त कार्यवाही की मांग की। पंकज गुप्ता और एच.सी. पाण्डेय ने सुझाव दिया कि जिलाधिकारी सभी विभागों को निर्देशित कर आगामी छह महीने में सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों की सूची और उनकी पेंशन प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध कराएं।

 
 
bottom of page