top of page

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में कैंसर सर्वाइवर्स की गर्वित वापसी— डॉक्टर बोले, “समय पर इलाज ही जीत की कुंजी”

  • लेखक की तस्वीर: Uttarakhandnews Network
    Uttarakhandnews Network
  • 22 नव॰
  • 2 मिनट पठन

देहरादून। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में पेशाब की थैली (Urinary Bladder) के कैंसर को मात दे चुके 60 से अधिक कैंसर योद्धाओं के लिए विशेष सम्मान समारोह आयोजित किया गया। सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, यूरोलॉजी और रेडिएशन विभाग की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्न चरणों में उपचार पूरा कर चुके कैंसर सर्वाइवर्स ने बड़ी संख्या में शिरकत की और अपने साहसिक सफर को साझा किया। कैंसर योद्धाओं ने कहा कि कैंसर कोई अंत नहीं, बल्कि हिम्मत, भरोसे और समय पर इलाज के साथ नई शुरुआत है।


कार्यक्रम का शुभारंभ SGRR मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अशोक नायक, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनिल मलिक, डॉ. मनोज गुप्ता, डॉ. गौरव रतूड़ी, वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉ. अजीत तिवारी और रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. रचित आहूजा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।


कैंसर सर्वाइवर्स ने बताया कि कीमोथेरैपी, सर्जरी और रेडिएशन का सफर कठिन जरूर था, लेकिन चिकित्सा टीम और परिवार ने लगातार आगे बढ़ने का हौसला दिया। कार्यक्रम में कैंसर योद्धाओं को उनके परिवारों सहित सम्मानित किया गया।


वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉ. अजीत तिवारी ने कहा कि योद्धाओं की जिंदादिली साबित करती है कि मजबूत इच्छाशक्ति और समय पर इलाज से कैंसर पर विजय पाना पूरी तरह संभव है। रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. रचित आहूजा ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम समाज में जागरूकता फैलाते हैं और यह संदेश देते हैं कि कैंसर नई शुरुआत का अवसर भी बन सकता है।


अस्पताल के वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉ. पंकज गर्ग ने बताया कि वैज्ञानिक तकनीकों और प्रारंभिक जांच के बढ़ते प्रचलन से कैंसर उपचार की सफलता में तेजी आई है। वहीं यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. कमल शर्मा ने सलाह दी कि बीड़ी–सिगरेट सेवन करने वाले, यदि पेशाब में खून दिखाई दे, तो इसे नजरअंदाज न करें और तुरंत विशेषज्ञ से परामर्श लें।


इस अवसर पर रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज गुप्ता ने सभी कैंसर योद्धाओं की जीवन-यात्रा और उनके साहस को सलाम किया। कार्यक्रम में सर्जरी, यूरोलॉजी और रेडिएशन विभाग की टीम मौजूद रही।

 
 
bottom of page