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बेटियों की शिक्षा नहीं रुकेगी: डीएम बंसल ने आर्थिक तंगी झेल रही प्रियंका को दिलाया रोजगार व शिक्षा सहारा

  • लेखक की तस्वीर: Uttarakhandnews Network
    Uttarakhandnews Network
  • 23 नव॰
  • 2 मिनट पठन

देहरादून।

जिलाधिकारी सविन बंसल की संवेदनशील पहल से आर्थिक तंगी से जूझ रही चन्द्रबनी निवासी इंजीनियर प्रियंका कुकरेती का भविष्य नई दिशा पाने जा रहा है। पिता के निधन और परिवार की कठिन आर्थिक परिस्थितियों के बीच शिक्षा व रोजगार दोनों मोर्चों पर संघर्ष कर रहीं प्रियंका को डीएम ने न केवल रोजगार दिलाया बल्कि अब उच्च शिक्षा का रास्ता भी खोल दिया है।


माह अक्टूबर में प्रियंका अपनी माता के साथ जिलाधिकारी से मिली थीं और परिवार की दयनीय स्थिति बताते हुए सहायता की गुहार लगाई थी। डीएम बंसल ने त्वरित संज्ञान लेते हुए उन्हें राइफल फंड से 25 हजार रुपए की सहायता उपलब्ध कराई तथा उनकी योग्यता के अनुरूप उन्हें निजी शैक्षणिक संस्थान में लैब ऑफिसर के पद पर नियुक्ति दिलाई।


नियुक्ति के बाद प्रियंका अपनी माता संग धन्यवाद देने जब कलेक्ट्रेट पहुंची, तो जिलाधिकारी सविन बंसल ने उनसे उनकी आगे की पढ़ाई के बारे में जानकारी ली। प्रियंका ने एमटेक करने की इच्छा जताई, जिस पर डीएम ने तुरंत ही एमटेक में प्रवेश दिलाने के निर्देश जारी कर दिए।

प्रियंका की एमटेक की फीस, किताबें और अन्य शैक्षणिक व्यय जिला प्रशासन एवं संबंधित निजी संस्थान संयुक्त रूप से वहन करेंगे।


जिलाधिकारी बंसल ने कहा कि—

“प्रतिभाशाली बेटियों की शिक्षा आर्थिक अभाव में बाधित नहीं होने दी जाएगी। जिला प्रशासन हरसंभव सहयोग करेगा।”


मा० मुख्यमंत्री के ‘शिक्षित बेटियां–सशक्त समाज’ के संकल्प को धरातल पर उतारते हुए जिला प्रशासन लगातार असहाय एवं निर्धन बालिकाओं की शिक्षा को पुनर्जीवित कर रहा है। नंदा–सुनंदा योजना के तहत अब तक लगभग 32 लाख रुपए की सहायता से 90 बालिकाओं की पढ़ाई फिर से शुरू कराई जा चुकी है।


प्रियंका के मामले में डीएम द्वारा उठाया गया यह त्वरित और मानवीय कदम प्रशासन की ‘बेटी शिक्षा–बेटी सशक्तीकरण’ के प्रति गंभीर प्रतिबद्धता का सशक्त उदाहरण माना जा रहा है।

 
 
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