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देवभूमि रिहेब की रामलीला: आत्म-सुधार और पुनर्जागरण का प्रतीक

  • लेखक की तस्वीर: Uttarakhandnews Network
    Uttarakhandnews Network
  • 7 अक्टू॰
  • 1 मिनट पठन

देहरादून/देवभूमि रिहेब वेलफेयर एसोसिएशन, उत्तराखंड द्वारा समाज में नशा मुक्ति का संदेश देने की अनोखी पहल की जा रही है। संगठन 8 अक्टूबर 2025 से ग्राम माजरी माफी, मोकमपुर में रात्रि 8 बजे से भव्य श्रीरामलीला मंचन का शुभारंभ करने जा रहा है।


इस रामलीला की विशेषता यह है कि मंच पर अभिनय करने वाले कलाकार कोई पेशेवर नहीं, बल्कि प्रदेश के 42 नशा मुक्ति केंद्रों में उपचार ले रहे व्यक्ति होंगे। यह पहल न केवल पुनर्वास की दिशा में एक सकारात्मक प्रयोग है, बल्कि समाज के सामने आत्म-सुधार और पुनर्जन्म का जीवंत उदाहरण भी प्रस्तुत करेगी।


एसोसिएशन के अध्यक्ष आशुतोष असवाल का कहना है कि — “रामलीला केवल मनोरंजन का मंच नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला का पाठ है। भगवान श्रीराम का जीवन यह सिखाता है कि हर कठिनाई में भी संयम, मर्यादा और सत्य के मार्ग पर चलना ही सच्चा धर्म है।”


संस्था के सचिव अमित क्षेत्री,उपाध्यक्ष शिवांग बिष्ट,कोषाध्यक्ष हर्षवर्धन सिंह और उप सचिव उदय प्रताप और संस्था सदस्य वीरेंद्र नेगी एवं विकास धस्माना ने बताया कि देवभूमि रिहेब वेलफेयर एसोसिएशन का उद्देश्य इस आयोजन के माध्यम से समाज को यह संदेश देना है कि नशा मुक्ति केवल उपचार नहीं, बल्कि आत्मजागृति का उत्सव है।

राम के आदर्शों को आत्मसात कर व्यक्ति न केवल स्वयं को, बल्कि समाज को भी नई दिशा दे सकता है।


कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों एवं बड़ी संख्या में आम नागरिकों के उपस्थित रहने की संभावना है।

संस्था ने क्षेत्रवासियों से इस पुण्य आयोजन में सम्मिलित होकर नशा मुक्त जीवन और चरित्रवान समाज के निर्माण का संकल्प लेने का आह्वान किया है।

 
 
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