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डिजिटल मार्केटिंग से गांव की तरक्की: धामी ने शुरू की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा

  • लेखक की तस्वीर: Uttarakhandnews Network
    Uttarakhandnews Network
  • 5 दिस॰
  • 1 मिनट पठन

देहरादून। उत्तराखंड में बढ़ते पलायन को रोकने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ग्रामीण युवाओं को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने की नई पहल शुरू की है। सरकार का उद्देश्य है कि युवा अब शहरों की ओर न जाएं, बल्कि अपने ही गांव में सम्मानजनक आजीविका कमा सकें।

सरकार ने ग्रामीण अंचलों में छोटे उद्योग, हस्तशिल्प, कृषि आधारित व्यवसाय और स्थानीय पर्यटन से जुड़े स्वरोजगार को बढ़ावा देने की योजना तैयार की है। इसके तहत युवाओं को स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग, बैंक लोन और मार्केट कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी, ताकि वे गांव से ही अपने स्टार्टअप शुरू कर सकें।

इस पहल में महिलाओं को विशेष प्राथमिकता दी गई है। स्वयं सहायता समूहों को मजबूत किया जाएगा और पहाड़ी खाद्य पदार्थ, ऊनी वस्त्र, हर्बल उत्पाद जैसे स्थानीय सामानों को राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने की तैयारी है। इससे महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने के साथ परिवारों की आय में भी वृद्धि होगी।

मुख्यमंत्री धामी का कहना है कि जब युवाओं को घर के पास रोजगार मिलेगा, तो पलायन पर स्वाभाविक रूप से रोक लगेगी। इससे पहाड़ी गांव पुनः आबाद होंगे और राज्य की सांस्कृतिक एवं सामाजिक संरचना और भी मजबूत होगी।

सरकार डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए उत्तराखंड के उत्पादों को देशभर के बाजारों तक पहुंचाने की योजना पर भी काम कर रही है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बड़ा सहारा मिलेगा। सीएम धामी की यह पहल महज एक रोजगार योजना नहीं, बल्कि पहाड़ को बचाने और गांवों को पुनर्जीवित करने की रणनीति के रूप में देखी जा रही है। यदि यह योजना प्रभावी तरीके से लागू हुई, तो उत्तराखंड पलायन से रोजगार की ओर बढ़ने वाला राज्य बन सकता है।

 
 
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