top of page

हिमालयन अस्पताल को मिली बड़ी उपलब्धि, अध्यक्ष डॉ. धस्माना ने जताया गर्व

  • लेखक की तस्वीर: Uttarakhandnews Network
    Uttarakhandnews Network
  • 10 दिस॰
  • 2 मिनट पठन

देहरादून। हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (हिम्स) जौलीग्रांट ने एक बेहद जटिल किडनी प्रत्यारोपण कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उत्तरकाशी निवासी 32 वर्षीय नीरज की दोनों किडनियाँ पूरी तरह खराब थीं और फेफड़ों में एस्परगिलोसिस जैसा जानलेवा फंगल संक्रमण पहुंच चुका था, इसके बावजूद चिकित्सकों ने उनका सफल प्रत्यारोपण कर नई जिंदगी दी। यह उपलब्धि अस्पताल की चिकित्सा विशेषज्ञता के साथ-साथ मां के अद्भुत त्याग का प्रतीक भी बन गई।


2022 में बिगड़ी सेहत, हाई ब्लड प्रेशर ने पहुंचाया एंड-स्टेज किडनी डिज़ीज तकपहली बार 2022 में सामान्य स्वास्थ्य जांच के लिए हिम्स पहुंचे नीरज को परीक्षण में हाई ब्लड प्रेशर से जुड़ी एंड-स्टेज किडनी डिज़ीज का पता चला। स्थिति गंभीर देखते हुए डॉ. विकास चंदेल की निगरानी में तुरंत हीमोडायलिसिस शुरू किया गया। इसी दौरान नीरज की मां ने अपनी किडनी दान कर बेटे के जीवन को बचाने का निर्णय लिया।


मल्टी-स्पेशियलिटी टीम की चुनौती—फेफड़ों का गंभीर संक्रमणडॉ. चंदेल की अगुवाई में नेफ्रोलॉजी, पल्मोनोलॉजी, यूरोलॉजी और एनेस्थीसिया विभाग की मल्टी-स्पेशियलिटी टीम ने नीरज का गहन उपचार शुरू किया। आईसीयू में लगातार निगरानी, एडवांस एंटीफंगल थेरेपी और आयुष्मान योजना की सहायता से धीरे-धीरे संक्रमण नियंत्रित हुआ और नीरज प्रत्यारोपण योग्य स्थिति में लौट आए।


विशेष रणनीति के साथ सफल प्रत्यारोपणपूरी तरह संक्रमण नियंत्रण में आने के बाद प्रत्यारोपण की तैयारियाँ शुरू हुईं। डॉ. विकास चंदेल, डॉ. शाहबाज अहमद, डॉ. सुशांत खंडूरी, डॉ. शिखर अग्रवाल, डॉ. राजीव सरपाल, डॉ. निधि और डॉ. अमित चौहान की टीम ने सर्जरी से पहले और बाद में संक्रमण रोकथाम के लिए विशेष रणनीति अपनाई।अंततः नीरज को उनकी मां द्वारा दी गई किडनी सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित की गई। वर्तमान में नीरज का क्रिएटिनिन स्तर सामान्य है और वह एक स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ रहे हैं।

ree

विश्वस्तरीय चिकित्सा सेवाओं की दिशा में कदमस्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना ने सफल प्रत्यारोपण पर पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि हिम्स की विश्वस्तरीय चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करने की प्रतिबद्धता को और सुदृढ़ करती है। उन्होंने एबीओ असंगत प्रत्यारोपण और कैडेवर ट्रांसप्लांट कार्यक्रमों को तेजी से आगे बढ़ाने की घोषणा भी की।

 
 
bottom of page