top of page

उम्मीद:आयुष्मान भारत योजना के तहत निशुल्क हुई जटिल सर्जरी, हिमालयन हॉस्पिटल बना मरीजों की उम्मीद

  • लेखक की तस्वीर: Uttarakhandnews Network
    Uttarakhandnews Network
  • 20 सित॰
  • 2 मिनट पठन

देहरादून। डोईवाला स्थित हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट ने चिकित्सा जगत में बड़ा कीर्तिमान रच दिया है। अस्पताल के न्यूरोसर्जनों ने महज डेढ़ साल के मासूम बच्चे के मस्तिष्क से 6 सेंटीमीटर का क्रेनियोफेरीन्जिओमा (ब्रेन ट्यूमर) सफलतापूर्वक निकालकर उसकी जान बचाई। डॉक्टरों के अनुसार इतनी कम उम्र में भारत में किया गया यह अपनी तरह का सबसे बड़ा ट्यूमर ऑपरेशन है। सर्जरी के बाद बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है और अब सामान्य जीवन जी रहा है।

बहादराबाद (हरिद्वार) निवासी इस बच्चे का स्वास्थ्य पिछले तीन महीनों से बिगड़ रहा था। सिर का आकार असामान्य रूप से बढ़ना, चलने व देखने में कठिनाई जैसी समस्याओं से जूझ रहे मासूम को जांच के बाद गंभीर ब्रेन ट्यूमर की पुष्टि हुई। पिट्यूटरी ग्रंथि के पास स्थित 6 सेंटीमीटर का यह ट्यूमर आकार और स्थान, दोनों ही दृष्टि से बेहद चुनौतीपूर्ण था। न्यूरोसर्जन डॉ. बृजेश तिवारी ने बताया कि इतनी छोटी उम्र में मस्तिष्क की संरचनाएं अत्यंत नाजुक होती हैं, इसलिए यह ऑपरेशन बेहद जोखिम भरा था।

हाई रिस्क सर्जरी के लिए विशेषज्ञों की टीम गठित की गई, जिसमें न्यूरोसर्जन डॉ. बृजेश तिवारी के साथ डॉ. संजीव पाण्डे, डॉ. अंकित भाटिया और एनेस्थीसिया से डॉ. वीना अस्थाना शामिल रहे। करीबन कई घंटों की मेहनत और टीम सामंजस्य से ऑपरेशन सफल हुआ। विभागाध्यक्ष डॉ. रंजीत कुमार ने इस उपलब्धि को अस्पताल के लिए ऐतिहासिक करार दिया। वहीं, पोस्टऑपरेटिव निगरानी बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आशीष सिमल्टी ने की, जिसके चलते बच्चा अब बोलने, चलने और खेलने में पूरी तरह सक्षम हो चुका है।

अस्पताल प्रशासन ने इस सफलता को चिकित्सा क्षेत्र में मील का पत्थर बताते हुए टीम को बधाई दी। निदेशक डॉ. हेम चंद्रा और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश माहेश्वरी ने कहा कि यह उपलब्धि हिमालयन हॉस्पिटल को देशभर में ब्रेन ट्यूमर सर्जरी का अत्याधुनिक केंद्र साबित करती है। वहीं, स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना ने बताया कि अस्पताल में विश्वस्तरीय उपकरण और हाई-टेक ऑपरेशन थिएटर उपलब्ध हैं, जिससे अब उत्तराखंड और आसपास के मरीजों को दिल्ली या चंडीगढ़ जाने की जरूरत नहीं है।

सबसे बड़ी राहत यह रही कि यह जटिल और महंगी सर्जरी आयुष्मान भारत योजना के तहत पूरी तरह निशुल्क हुई। डॉ. बृजेश तिवारी ने बताया कि इस योजना से मरीजों को भारी वित्तीय बोझ से बचाते हुए विश्वस्तरीय इलाज घर के पास ही उपलब्ध कराया जा रहा है। यह उदाहरण साफ करता है कि सही स्वास्थ्य सुविधाएं और योजनाएं मिलकर कितनी जिंदगियां बचा सकती हैं।

 
 
bottom of page