top of page

महत्व:SGRRU के कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने फार्माकोविजिलेंस और दवा दुष्प्रभावों की रिपोर्टिंग का महत्व बताया

  • लेखक की तस्वीर: Uttarakhandnews Network
    Uttarakhandnews Network
  • 23 सित॰
  • 2 मिनट पठन

देहरादून: श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (एसजीआरआरयू) के स्कूल ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज में 17 से 23 सितम्बर 2025 तक 5वाँ राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस सप्ताह उत्साहपूर्वक आयोजित किया गया। इस अवसर पर छात्रों ने सुरक्षित दवा उपयोग और ए.डी.आर. (एडवर्स ड्रग रिएक्शन) के महत्व पर जनजागरूकता फैलाने में सक्रिय भागीदारी दिखाई।


सप्ताह का उद्घाटन स्कूल की संकायाध्यक्ष प्रो. दिव्या जुयाल, विभागाध्यक्षों और एसजीआरआरआईएमएचएस के फार्माकोलॉजी विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ. भावना सिंह व डॉ. कविता ने दीप प्रज्वलित कर किया। उद्घाटन सत्र में विशेषज्ञों ने फार्माकोविजिलेंस के महत्व, दवाओं के विपरीत प्रभावों की रिपोर्टिंग की प्रक्रिया और समाज पर इसके प्रभावों पर विस्तार से प्रकाश डाला।


कार्यक्रम के दौरान क्विज, पोस्टर, वाद-विवाद और वीडियो फिल्म प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। जागरूकता गतिविधियों के तहत छात्रों ने श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया और पब्लिक स्कूलों में जाकर विद्यार्थियों को सुरक्षित दवा उपयोग और रिपोर्टिंग के महत्व से अवगत कराया।


विशेषज्ञों ने बताया कि फार्माकोविजिलेंस का मूल उद्देश्य दवाओं के अवांछित या हानिकारक प्रभावों (ए.डी.आर.) की पहचान और रिपोर्टिंग करना है। उदाहरण स्वरूप, दर्द निवारक दवा से पेट में अल्सर, एंटीबायोटिक से एलर्जी या सांस लेने में तकलीफ, ब्लड प्रेशर की दवा से चक्कर आना आदि। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों की तुरंत जानकारी चिकित्सक को देना और फार्माकोविजिलेंस केंद्र में रिपोर्ट करना अत्यंत आवश्यक है।


इस पूरे कार्यक्रम का संचालन प्रो. मनीष मिश्रा, प्रो. योगेश जोशी, श्रीमती शैफी खुराना और डॉ. ज्योति कालरा ने किया, जबकि समन्वयक की भूमिका संजीवनी परिषद के छात्रों ने निभाई। विश्वविद्यालय प्रशासन ने आश्वस्त किया कि भविष्य में भी इस प्रकार की जागरूकता गतिविधियाँ निरंतर जारी रहेंगी, जिससे समाज में दवाओं के सुरक्षित और जिम्मेदाराना उपयोग की संस्कृति को बढ़ावा मिले।

 
 
bottom of page