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महंत देवेन्द्र दास जी ने दी टीम को बधाई, कहा—“यह अस्पताल की चिकित्सा दक्षता का प्रमाण है”

  • लेखक की तस्वीर: Uttarakhandnews Network
    Uttarakhandnews Network
  • 6 अक्टू॰
  • 2 मिनट पठन

देहरादून। चिकित्सा जगत में समय-समय पर ऐसी सफलताएँ सामने आती हैं जो डॉक्टरों की दक्षता, टीम भावना और समर्पण की मिसाल बन जाती हैं। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल, देहरादून ने हाल ही में ऐसी ही एक असाधारण सफलता अर्जित की है।

अस्पताल के सर्जरी विभाग ने 20 वर्षीय युवती के पेट से 13 किलो 200 ग्राम वजनी विशाल गांठ (ओवेरियन लार्ज ट्यूमर) निकालकर चिकित्सा इतिहास में नई उपलब्धि दर्ज की है।


अस्पताल के चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने इस सफलता पर सर्जरी टीम को हार्दिक बधाई दी और इसे अस्पताल की चिकित्सा गुणवत्ता और निष्ठा का प्रतीक बताया।


चार घंटे चला जटिल ऑपरेशन


सर्जरी विभाग के वरिष्ठ सर्जन डाॅ. जे.पी. शर्मा के नेतृत्व में करीब चार घंटे तक चली सर्जरी को अंजाम दिया गया। मरीज को इस बात की जानकारी नहीं थी कि उसके पेट में इतनी बड़ी गांठ विकसित हो चुकी है। जब अचानक उसे तेज पेट दर्द हुआ, तब परिजन उसे अस्पताल लेकर आए।

प्रारंभिक जांच में पता चला कि यह गांठ पेट के कई महत्वपूर्ण अंगों पर दबाव बना रही थी और कभी भी फटकर जानलेवा साबित हो सकती थी।


टीम की सामूहिक मेहनत से मिली सफलता


डाॅ. शर्मा की सलाह पर तत्काल ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन टीम में डाॅ. पुनीत त्यागी, डाॅ. दिपांकर नयाल, डाॅ. पुष्किन पोखरियाल, और एनेस्थीसिया विभाग से डाॅ. नेहा शामिल रहे।

टीम की सामूहिक मेहनत और चिकित्सा विशेषज्ञता से यह सर्जरी पूर्णतः सफल रही।


मरीज स्वस्थ, अस्पताल से डिस्चार्ज


ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत पूरी तरह सामान्य है और उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।

यह उपलब्धि न केवल श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की चिकित्सा दक्षता को प्रदर्शित करती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि समय पर जांच और सही निर्णय जीवन बचा सकते हैं।

 
 
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