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श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की उपलब्धि पर गर्व — उत्तरी भारत में पहली बार बिना चीरा लगी जटिल हार्ट सर्जरी सफल

  • लेखक की तस्वीर: Uttarakhandnews Network
    Uttarakhandnews Network
  • 15 अक्टू॰
  • 1 मिनट पठन

देहरादून। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग ने दिल के उपचार में एक बड़ी चिकित्सा उपलब्धि हासिल की है। प्रोफेसर एवं हेड यूनिट-1 डॉ. साहिल महाजन के नेतृत्व में बिना चीरा लगाए पहली बार ड्यूल ट्रांसकैथेटर वाल्व रिप्लेसमेंट की जटिल प्रक्रिया सफलतापूर्वक की गई। असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मयंक अग्रवाल की सहभागिता से सम्पन्न इस दुर्लभ शल्यक्रिया में ट्रांसकैथेटर वाल्व इन वाल्व एओर्टिक इम्प्लांटेशन और ट्रांसकैथेटर मिट्रल वाल्व इम्प्लांटेशन दोनों ही एक साथ किए गए। यह तकनीक उन मरीजों के लिए जीवनदान साबित हो रही है जिनके कृत्रिम वाल्व फेल हो चुके हैं और दोबारा ओपन हार्ट सर्जरी जोखिमपूर्ण होती है। रूमैटिक हार्ट डिजीज से पीड़ित मरीज सुन्दरी देवी पर की गई यह प्रक्रिया पूरी तरह सफल रही और उन्हें केवल पाँच दिनों में स्वस्थ अवस्था में घर भेजा गया। इस उपलब्धि पर चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने टीम को बधाई देते हुए इसे उत्तराखंड ही नहीं बल्कि पूरे उत्तरी भारत के लिए मील का पत्थर बताया।

 
 
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