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नदियों का बढ़ता जलस्तर चिंता का विषय, धामी ने कहा— हालात पर लगातार नज़र, हर जिले से सीधा संवाद

  • लेखक की तस्वीर: Uttarakhandnews Network
    Uttarakhandnews Network
  • 16 सित॰
  • 2 मिनट पठन

देहरादून।राजधानी देहरादून के सहस्रधारा क्षेत्र में सोमवार देर रात बादल फटने से भारी तबाही मची। कार्डीगाड़ में आई आपदा से मुख्य बाजार में मलबा भर गया, जिसके चलते दो से तीन बड़े होटल और करीब सात से आठ दुकानें ध्वस्त हो गईं। अचानक आई इस आपदा में लगभग 100 लोग फंस गए थे, जिन्हें स्थानीय ग्रामीणों ने साहस दिखाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया। वहीं, एक से दो लोगों के लापता होने की सूचना भी है, हालांकि प्रशासन ने अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।

इधर ऋषिकेश में चंद्रभागा नदी और सॉन्ग नदी ने निचले इलाकों में भारी तबाही मचाई है। कई घरों और रास्तों में पानी घुसने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून जनपद के मालदेवता और केसरवाला क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उन्हें हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत और बचाव कार्यों में किसी भी प्रकार की ढिलाई न बरती जाए तथा अवरुद्ध मार्गों को शीघ्र खोलने के साथ ही सुरक्षित पेयजल और बिजली की आपूर्ति तत्काल सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिवृष्टि के कारण प्रदेश के कई हिस्सों में सड़कें, पुल और सरकारी संपत्तियाँ क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिसका सीधा असर आम जनता के जीवन पर पड़ा है। उन्होंने बताया कि शासन-प्रशासन की टीमें लगातार प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हैं और नदियों के जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए विशेष सतर्कता बरती जा रही है।

मुख्यमंत्री धामी लगातार राज्य आपदा परिचालन केंद्र और जिलाधिकारियों से संपर्क बनाए हुए हैं तथा प्रभावित क्षेत्रों की समीक्षा कर रहे हैं। निरीक्षण के दौरान उनके साथ विधायक उमेश शर्मा ‘काऊ’, गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप, अपर सचिव बंशीधर तिवारी और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

 
 
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