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रुड़की का चर्चित मामला: न्यायालय के हस्तक्षेप से खुला नया राज़

  • लेखक की तस्वीर: Uttarakhandnews Network
    Uttarakhandnews Network
  • 8 सित॰
  • 2 मिनट पठन

रुड़की। गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के माधोपुर गांव में करीब एक साल पहले युवक का शव तालाब में मिलने के मामले में नया मोड़ आ गया है। कोर्ट के आदेश पर गंगनहर कोतवाली पुलिस ने तीन नामजद समेत छह पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है।

रुड़की। गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के माधोपुर गांव में करीब एक साल पहले युवक का शव तालाब में मिलने के मामले में नया मोड़ आ गया है। कोर्ट के आदेश पर गंगनहर कोतवाली पुलिस ने तीन नामजद समेत छह पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है।

यह घटना माधोपुर गांव की है, जहां सोहलपुर गाड़ा निवासी वसीम की लाश 24 अगस्त 2024 को तालाब से बरामद हुई थी। मृतक के चचेरे भाई अल्लाउद्दीन ने हरिद्वार के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में एक याचिका दायर कर पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए थे।

कहा कि 24 अगस्त की रात जब वसीम अपनी बहन के घर से लौट रहा था तब माधोपुर गांव के तालाब के पास गोवंश संरक्षण स्क्वॉड के उपनिरीक्षक शरद सिंह, कांस्टेबल सुनील सैनी, प्रवीण सैनी और तीन अन्य पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ लिया। उन्होंने वसीम को पहले लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटा और फिर उसे तालाब में फेंक दिया।

कहा कि गांव के कुछ लोग वहां पहुंचे और उन्होंने टॉर्च की रोशनी में पूरी घटना देखी। उन्होंने वसीम को बचाने की कोशिश भी की पर पुलिसकर्मियों ने गोली मारने की धमकी देकर भगा दिया। अगले दिन वसीम का शव तालाब से मिला, जिस पर चोट के निशान भी थे। परिजनों ने तुरंत पुलिस में शिकायत्त दर्ज कराई।

एसपी देहात शेखर सुयाल ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद गंगनहर कोतवाली पुलिस ने अब उपनिरीक्षक शरद सिंह, कांस्टेबल सुनील सैनी, प्रवीण सैनी और तीन अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है, मामले की जांच चल रही है।

 
 
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