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SGRRU बना उत्तर भारत में ट्रांसकैथेटर तकनीक का नया केंद्र, मरीज को मिला जीवनदान

  • लेखक की तस्वीर: Uttarakhandnews Network
    Uttarakhandnews Network
  • 14 अक्टू॰
  • 1 मिनट पठन

देहरादून। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल, देहरादून के कार्डियोलॉजी विभाग ने उत्तराखंड में चिकित्सा इतिहास रचते हुए बिना चीरा लगाए ड्यूल ट्रांसकैथेटर वाल्व रिप्लेसमेंट प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। प्रोफेसर एवं हेड, यूनिट–1 डॉ. साहिल महाजन और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मयंक अग्रवाल के नेतृत्व में की गई यह जटिल व दुर्लभ प्रक्रिया (ट्रांसकैथेटर वाल्व इन वाल्व एओर्टिक इम्प्लांटेशन विद सेल्फ एक्सपेंडिंग वाल्व तथा ट्रांसकैथेटर मिट्रल वाल्व इम्प्लांटेशन विद बलून एक्सपैंडेबल वाल्व) पूरी तरह सफल रही। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चेयरमैन श्रीमहन्त देवेन्द्र दास जी महाराज ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर टीम को बधाई दी। यह उपलब्धि उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तरी भारत के लिए मील का पत्थर साबित हुई है। यह प्रक्रिया उन मरीजों के लिए वरदान है जिन्हें पहले सर्जिकल ड्यूल वाल्व रिप्लेसमेंट हो चुका था और उनके कृत्रिम वाल्व फेल होने लगे थे। 70 वर्षीय मरीज सुन्दरी देवी, जो रूमैटिक हार्ट डिजीज से पीड़ित थीं, पर यह प्रक्रिया की गई और मात्र पाँच दिनों में उन्हें स्वस्थ अवस्था में छुट्टी दे दी गई। यह सफलता साबित करती है कि ट्रांसकैथेटर तकनीक अब पारंपरिक ओपन हार्ट सर्जरी का सुरक्षित और प्रभावी विकल्प बन चुकी है।

 
 
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