भोगपुर के खेल मैदान पर SGRRU का अधिकार, असामाजिक तत्वों की दलीलें बेअसर
- Uttarakhandnews Network
- 9 अक्टू॰
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देहरादून। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (एसजीआरआर) संस्था के लिए बुधवार का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ, जब न्यायालय ने भोगपुर स्थित श्री गुरु राम राय इंटर कॉलेज की खेल भूमि से जुड़े लंबे समय से चल रहे विवाद में एसजीआरआर प्रबंधन के पक्ष में फैसला सुनाया।
सिविल जज (जूनियर डिविजन) ऋषिकेश की अदालत ने अपने निर्णय में स्पष्ट कहा कि भोगपुर इंटर कॉलेज के खेल मैदान का स्वामित्व और संचालन अधिकार पूर्णतः श्री गुरु राम राय इंटर कॉलेज भोगपुर के पास ही रहेगा। अदालत ने पूर्व डीजीपी प्रेमदत्त रतूड़ी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों और दलीलों को खारिज करते हुए माना कि उनके दावे तथ्यहीन और असंगत हैं।
इस फैसले से एसजीआरआर संस्था के शिक्षकों, छात्रों और स्थानीय नागरिकों में खुशी की लहर दौड़ गई।
सात दशक से शिक्षा और खेल का केंद्र
गौरतलब है कि वर्ष 1950 में श्री गुरु राम राय दरबार साहिब द्वारा भोगपुर में यह विद्यालय ग्रामीण और निर्धन छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था। तब से लेकर आज तक यह संस्थान क्षेत्र में शिक्षा और खेल की धारा को निरंतर आगे बढ़ा रहा है।
विद्यालय परिसर की 11.5 बीघा भूमि, जिस पर खेल मैदान स्थित है, प्रारंभ से ही श्री गुरु राम राय दरबार साहिब की निगरानी में रही है। पिछले 75 वर्षों से यह मैदान विद्यार्थियों के लिए खेलकूद, सांस्कृतिक और शैक्षणिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बना हुआ है।
एसजीआरआर प्रबंधन की ईमानदार पहल को मिला न्यायालय का समर्थन
मामले की सुनवाई के दौरान एसजीआरआर प्रबंधन ने सभी वैध दस्तावेज न्यायालय में प्रस्तुत किए, जिनसे स्पष्ट हुआ कि भूमि का स्वामित्व संस्था के नाम ही दर्ज है। अदालत ने माना कि पूर्व डीजीपी प्रेमदत्त रतूड़ी द्वारा किया गया दावा न केवल अनुचित था बल्कि संस्थान की छवि को धूमिल करने का प्रयास भी था।
कोर्ट के इस निर्णय ने यह सिद्ध कर दिया कि श्री गुरु राम राय संस्था सदैव सत्य, नियम और न्याय की राह पर चलती आई है।
एसजीआरआर प्रबंधन का संदेश — “सत्य की हुई विजय”
अदालत के निर्णय के बाद एसजीआरआर इंटर कॉलेज भोगपुर के प्रबंधकों ने इसे “सत्य और शिक्षा की विजय” बताया। उन्होंने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व अभी भी भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सच्चाई यही है कि न्यायालय ने एसजीआरआर संस्था के सभी अधिकार सुरक्षित माने हैं।
संस्थान ने जनता से अपील की है कि वे गलत सूचनाओं से दूर रहें और न्यायालय के इस फैसले को शिक्षा की जीत के रूप में देखें।
फैसले ने कायम किया न्याय और पारदर्शिता का उदाहरण
इस ऐतिहासिक निर्णय से यह एक बार फिर प्रमाणित हो गया कि श्री गुरु राम राय संस्था न केवल शिक्षा और सेवा में अग्रणी है, बल्कि सत्य और न्याय की रक्षा में भी दृढ़ता से खड़ी है।







