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स्वरूप:तिवारी का दावा—समयबद्ध और पारदर्शी कार्य से देहरादून को मिलेगा नया स्वरूप

  • लेखक की तस्वीर: Uttarakhandnews Network
    Uttarakhandnews Network
  • 28 अक्टू॰
  • 2 मिनट पठन

देहरादून। मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने आढ़त बाजार पुनर्विकास परियोजना को लेकर बड़ी पहल की है। प्राधिकरण ने घोषणा की है कि 3 नवंबर 2025 से प्रभावित भू-स्वामियों की रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके साथ ही, परियोजना के अगले चरणों को गति देने की तैयारी तेज कर दी गई है।


प्राधिकरण सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता सचिव मोहन सिंह बर्निया ने की। इस दौरान लेखपाल नजीर अहमद ने निर्माण कार्य की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी कार्य पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ तय समय में पूरे किए जाएं, ताकि व्यापारियों और आमजन को शीघ्र ही परियोजना का लाभ मिल सके।


बैठक में निर्णय लिया गया कि जिन भू-स्वामियों की फाइलें न्यायिक प्रक्रिया या वाद-विवाद में लंबित नहीं हैं, और जिनका स्वामित्व विधिवत प्रमाणित है, उन्हें भू-खण्ड आवंटन एवं धनराशि वितरण की प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।


रजिस्ट्री से पूर्व प्रत्येक भू-स्वामी से एक शपथ पत्र (अफिडेविट) लिया जाएगा, जिसमें यह उल्लेख होगा कि वे रजिस्ट्री की तिथि से 15 दिनों के भीतर अपने प्रभावित निर्माणों को स्वयं ध्वस्त करेंगे। निर्धारित समय में ऐसा न करने पर एमडीडीए, पीडब्ल्यूडी और जिला प्रशासन संयुक्त रूप से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करेगा।


सचिव मोहन सिंह बर्निया ने कहा कि आढ़त बाजार परियोजना का उद्देश्य केवल भौतिक ढांचा बनाना नहीं, बल्कि शहर के पुराने व्यापारिक क्षेत्र को नई ऊर्जा और पहचान देना है। उन्होंने कहा, “हम परंपरा के साथ आधुनिकता का संगम बनाते हुए एक स्वच्छ, सुव्यवस्थित और सुविधाजनक बाजार विकसित कर रहे हैं।”


वहीं, उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने परियोजना को देहरादून के विकास का महत्वपूर्ण अध्याय बताते हुए कहा कि प्राधिकरण का लक्ष्य है कि यह राज्य की सर्वश्रेष्ठ शहरी पुनर्विकास परियोजना के रूप में स्थापित हो।


बैठक में संयुक्त सचिव गौरव चटवाल, अधिशासी अभियंता सुनील कुमार, सहायक अभियंता राजेन्द्र बहुगुणा और निशांत कुकरेती सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

 
 
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