top of page

इंदिरेश अस्पताल की विशेषज्ञ टीम का कमाल: विशाल बोन ट्यूमर निकालकर रची मेडिकल मिसाल

  • लेखक की तस्वीर: Uttarakhandnews Network
    Uttarakhandnews Network
  • 2 दिन पहले
  • 2 मिनट पठन

देहरादून। उत्तराखंड में कैंसर उपचार के क्षेत्र में श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। अस्पताल के चिकित्सकों ने हड्डी के कैंसर (ऑस्टियोसारकोमा) से पीड़ित एक मरीज में अब तक के सबसे बड़े बोन ट्यूमरों में से एक को सफलतापूर्वक निकालते हुए उसका पैर बचाने में सफलता प्राप्त की है। इस जटिल और चुनौतीपूर्ण सर्जरी ने राज्य में उन्नत कैंसर उपचार की क्षमताओं को नई ऊंचाई दी है।

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉ. अजीत तिवारी ने बताया कि मरीज के पैर में अत्यधिक बड़ा ट्यूमर था, जिसके कारण अम्प्यूटेशन की आशंका प्रबल थी। कई बड़े कैंसर संस्थानों में परामर्श के बाद मरीज को केवल कीमोथेरेपी ही विकल्प बताया गया था। इसके बावजूद अस्पताल में विस्तृत जांच और बहुविषयक (मल्टीडिसिप्लिनरी) चर्चा के बाद लिंब-सेल्वेज सर्जरी का निर्णय लिया गया।

सर्जरी से पूर्व मरीज को डॉ. रचित आहूजा एवं डॉ. देबंजन, रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट, की देखरेख में नियोएडजुवेंट कीमोथेरेपी दी गई, जिससे बीमारी को नियंत्रित करने में मदद मिली। इसके पश्चात लिंब-प्रिजर्विंग कैंसर सर्जरी के माध्यम से विशाल ट्यूमर को पूरी तरह निकालते हुए पैर को सुरक्षित रखा गया। यह जटिल सर्जरी डॉ. अजीत कुमार तिवारी (सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट), डॉ. शिफा (हड्डी रोग विशेषज्ञ) एवं डॉ. निशिथ गोविल (ऑन्को एनेस्थीटिस्ट) की टीम द्वारा सफलतापूर्वक की गई।

सर्जरी के बाद मरीज की स्थिति लगातार बेहतर हो रही है। सभी टांके हटाए जा चुके हैं और मरीज अब बिना सहारे चलने लगा है। अस्पताल के माननीय चेयरमैन परम पूज्य श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने कैंसर सर्जरी विभाग की पूरी टीम को इस उल्लेखनीय सफलता के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।

अस्पताल प्रशासन ने कहा कि यह उपलब्धि उत्तराखंड में लिंब-प्रिजर्विंग बोन कैंसर सर्जरी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो गंभीर बोन कैंसर से जूझ रहे मरीजों के लिए आशा की नई किरण साबित होगी।

 
 
bottom of page