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तीर्थ-पुरोहितों का ऐलान – बलपूर्वक कार्रवाई हुई तो आंदोलन होगा उग्र

  • लेखक की तस्वीर: Uttarakhandnews Network
    Uttarakhandnews Network
  • 24 अग॰
  • 1 मिनट पठन

गढ़वाल /उत्तराखंड में बदरीनाथ धाम मास्टर प्लान को लेकर मचा विवाद अब तेज़ होता जा रहा है। धाम से जुड़े तीर्थ-पुरोहित और हक-हकूकधारी लगातार सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। आंदोलनकारियों का कहना है कि वह लगातार सरकार को ज्ञापन देकर चेतावनी दे रहे हैं, लेकिन अब तक उनकी मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।


आंदोलनरत पुरोहितों का आरोप है कि मास्टर प्लान के बहाने उन्हें उनकी निजी संपत्तियों और धार्मिक अधिकारों से बेदखल करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने साफ कहा कि अगर सरकार ने बलपूर्वक कदम उठाया तो वे पीछे नहीं हटेंगे, बल्कि उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। सभी युवा और पुरोहित अब एकजुट होकर इस मास्टर प्लान का जोरदार विरोध कर रहे हैं।


मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन और सरकार भी हरकत में आ गई है। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर 29 अगस्त को सचिवालय देहरादून में एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है। इस बैठक की अध्यक्षता प्रमुख सचिव आवास करेंगे, जिसमें सभी संबंधित हितधारकों को आमंत्रित किया गया है। जिलाधिकारी ने आश्वस्त किया कि इस बैठक में पुरोहितों की सभी मांगों और आपत्तियों को सुना जाएगा और समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।


धाम के पवित्र परिवेश और धार्मिक अधिकारों से जुड़े इस मुद्दे ने प्रदेशभर में बहस छेड़ दी है। अब सबकी नज़र 29 अगस्त की बैठक पर टिकी है, जहाँ यह तय होगा कि बदरीनाथ मास्टर प्लान को लेकर सरकार और तीर्थ-पुरोहितों के बीच रास्ता निकलेगा या आंदोलन और अधिक उग्र रूप लेगा।

 
 
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