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"उत्तराखंड सरकार का संदेश साफ – जान–माल की सुरक्षा सर्वोपरि, अवैध निर्माण बर्दाश्त नहीं"

  • लेखक की तस्वीर: Uttarakhandnews Network
    Uttarakhandnews Network
  • 24 अग॰
  • 1 मिनट पठन

टिहरी गढ़वाल। उत्तराखंड सरकार ने प्राकृतिक जलस्रोतों और नदियों के किनारे हो रहे अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देशों के बाद टिहरी प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नरेंद्रनगर के तपोवन क्षेत्र में चार निर्माणों को सील कर दिया।


जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण की टीम ने जिन अवैध निर्माणों पर शिकंजा कसा, उनमें वरुण कुमार बांगा, आरती पंवार, दुर्गेश और जंयत कुमार मलिक के निर्माण शामिल हैं। सभी निर्माण नाले के किनारे किए जा रहे थे, जिससे आपदा की स्थिति में भारी जान–माल की हानि की आशंका थी।


जिलाधिकारी/उपाध्यक्ष जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण टिहरी गढ़वाल नितिका खण्डेलवाल ने कहा कि आपदा प्रबंधन और सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसलिए ऐसे अवैध निर्माण किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में यदि कोई व्यक्ति नियमों की अनदेखी कर प्राकृतिक जलस्रोतों के किनारे निर्माण करेगा तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


कार्रवाई के दौरान सहायक अभियंता पंकज पाठक, कनिष्ठ अभियंता विपिन कोठारी, रघुवीर सिंह, उमंग नौटियाल सहित सुपरवाइजर, पीआरडी गार्ड और पुलिस बल मौके पर मौजूद रहे।


सरकार और प्रशासन का यह कदम इस बात का संकेत है कि अब उत्तराखंड में विकास और आपदा सुरक्षा के बीच कोई समझौता नहीं किया जाएगा। खासतौर पर चारधाम यात्रा मार्ग और आपदा संभावित इलाकों में ऐसे निर्माणों को रोकने के लिए अभियान और तेज़ किया जाएगा।

 
 
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