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महाराज जी के आशीर्वाद से चिकित्सा में नई ऊँचाइयाँ — कैंसर सर्जरी में SMIH बना अग्रणी केंद्र

  • लेखक की तस्वीर: Uttarakhandnews Network
    Uttarakhandnews Network
  • 10 अक्टू॰
  • 1 मिनट पठन

देहरादून। राजधानी के श्री महंत इंद्रेश अस्पताल (SMIH) में डॉक्टरों ने एक युवा मरीज के सीने से करीब 1.5 किलो का विशाल ट्यूमर — जो लगभग फुटबॉल के आकार का था — एंडोस्कोपिक (की-होल) तकनीक से सफलतापूर्वक निकाला।

यह जटिल सर्जरी डॉ. कनिका कपूर, कैंसर सर्जन, द्वारा वीडियो-असिस्टेड थोरेकोस्कोपिक सर्जरी (VATS) तकनीक से की गई। इसमें बड़े चीरे की बजाय छोटे छिद्रों के माध्यम से ऑपरेशन किया गया, जिससे मरीज को कम दर्द, बहुत कम रक्तस्राव और तेज़ रिकवरी मिली।

डॉ. कनिका कपूर ने बताया, “VATS तकनीक से मरीज जल्दी ठीक होते हैं, कम दर्द होता है और अस्पताल में रुकने की अवधि भी कम होती है। यह पारंपरिक ओपन सर्जरी की तुलना में अधिक सुरक्षित और आरामदायक विकल्प है।”

डॉ. पंकज गर्ग, प्रमुख, कैंसर विभाग, ने कहा, “अब SMIH में सभी प्रकार की कैंसर सर्जरी — सामान्य से लेकर अत्याधुनिक मिनिमली इनवेसिव प्रक्रियाएँ — उपलब्ध हैं। हमारा उद्देश्य उत्तराखंड में ही विश्वस्तरीय कैंसर उपचार प्रदान करना है।”

मरीज पूरी तरह स्वस्थ होकर कुछ ही दिनों में अस्पताल से छुट्टी पा गया।

अस्पताल परिवार ने महाराज जी के निरंतर आशीर्वाद और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त की, जिनके सहयोग से SMIH में कैंसर उपचार की नई ऊँचाइयाँ प्राप्त हो रही हैं।

 
 
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